बाहरी दुनिया

ग़ज़ल

अपना नहीं समझना गगन, बेचना नहीं सरहद नहीं बनाना, पवन बेचना नहीं होगी ख़लिश मगर यहाँ दुश्मन नहीं कोई तो भूलकर भी तुम ये वतन बेचना नहीं दीवारो-दर से रिश्ता…

ओपीनियन

मनोरंजन

यूँ ही…….गीत शिरोमणि स्वर्गीय नीरज जी, स्वर्गीय शेरजंग गर्ग जी और मैं……नीरजनोएडा Part-1 के बाद नीरजनोएडा 1A को अवश्य देखिए

यूँ ही…….गीत शिरोमणि स्वर्गीय नीरज जी, स्वर्गीय शेरजंग गर्ग जी और मैं……नीरजनोएडा Part-1 के बाद नीरजनोएडा 1A को अवश्य देखिए। यह महत्वपूर्ण कड़ी है। डॉ गोपालदास सक्सेना “नीरज”, डॉ शेरजंग गर्ग और संचालन सुधेन्दु ओझा

यूँ ही : स्वर्गीय नीरज जी, स्वर्गीय शेरजंग गर्ग जी और मैं सुधेन्दु ओझा पार्ट-1

आइये आज आपको गीत शिरोमणि आदरणीय स्वर्गीय गोपाल दास नीरज जी से मिलवाता हूँ…..ध्यान से सुनिए वे बता रहे हैं कि कविता क्या होती है…..कार्यक्रम का संचालन मेरे द्वारा किया गया है।इसका दूसरा भाग भी अवश्य ही देखें….सादर,सुधेन्दु ओझा

सरस्वती वन्दना

हे मां वीणा वादिनी, तुम कष्ट हरो माता।ज्ञान बुद्धि विद्या से, तुम हमको भरो माता। वैसे तो निस दिन ही, हम ध्यान तुम्हे धरते,ऋतु बसंत दिन पंचमी, विधि से पूजा…

मै और तुम : एक गीत

मैं और तुम जब हुए हम,बरसते नयन अम्बर केगये हैं वो भी देखो थम । दिलों की दूरियां भी तो ,कि लगता था बढ गयी हैंजरा सा पास हम जो…

साहित्य

दूध में धुले

धन्य हैं हमारे देश की वे सभी राजनीतिक पार्टियां जो चुनाव के दौरान उनलोगों को अपना प्रत्याशी चुनती हैं जिनकी कोई आपराधिक पृष्ठभूमि होती है। इसे कहते हैं लोकतंत्र में…

सरोकार

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