सिंघु बॉर्डर : ट्रैक्टर परेड में पुलिस की वर्दी पहन युवकों को करना था बवाल, रहस्यात्मक दावे

23.01.2021

गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में आउटर रिंग रोड पर होने वाली किसानों की ट्रैक्टर परेड में हत्या और बवाल करने की साजिश रचने के खुलासे का दावा किसान संगठनों ने किया है।

संयुक्त किसान मोर्चे ने शुक्रवार देर रात कुंडली बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में सोनीपत में रहने वाले उत्तराखंड के एक नकाबपोश युवक को पेश किया। साथ ही दावा किया कि पुलिस की वर्दी पहनकर 60 युवकों को ट्रैक्टर परेड में बवाल और चार लोगों की हत्या करनी थी। साथ ही तिरंगा नीचे गिराकर बड़ा बवाल करने की योजना थी। उधर, इस मामले में पुलिस का कहना है कि नकाबपोश युवक से पूछताछ के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।


किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल, राकेश टिकैत, हरेंद्र सिंह लखोवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि शुक्रवार शाम को युवक ने कुंडली औद्योगिक क्षेत्र की सड़क के मोड़ पर किसानों से कहा कि यहां लड़कियों से छेड़छाड़ हो रही है। इससे किसान वहां इकट्ठे हो गए और पूछा कि किस लड़की से छेड़छाड़ हुई है। इस पर युवक जवाब नहीं दे सका। शक होने पर उसे पकड़ लिया गया।

पूछने पर युवक ने बताया कि वह मूलरूप से उत्तराखंड का निवासी है और 18 साल से सोनीपत में रहता है। उसे 10 हजार रुपये देने की बात कहकर धरनास्थल पर भेजा गया था। उसके समेत आठ युवक और पूजा, सुनीता नाम की दो युवतियां भी यहां 19 जनवरी से रेकी कर रही हैं। 

युवक ने कहा कि लैंडलाइन फोन से उन्हें निर्देश दिए जाते हैं। साथ ही प्रदीप सिंह नाम का युवक खुद को राई थाने का एसएचओ बता वर्दी में उनसे कुंडली के पास मिलता है।

उन्हें 10-10 हजार रुपये मिलने थे और उन्हें यह बताना था कि किसानों के पास हथियार हैं या नहीं। इसलिए ही उसने लड़की से छेड़छाड़ की बात कही थी ताकि किसान हथियार लेकर आ जाएं। पकड़े गए युवक ने बताया कि उनका काम अभी रेकी करना था।

ट्रैक्टर परेड से पहले यहां 60 युवक आने हैं। सभी हथियारों के साथ पुलिस की वर्दी में रहेंगे। हथियार उन्हें कुंडली में 23-26 जनवरी के बीच एक रेस्टोरेंट के पास देने की सूचना है। उन्हें किसान परेड में लाठीचार्ज करने के साथ पहले हवाई फायरिंग करनी थी। किसानों ने युवक का नाम सार्वजनिक करने से इसलिए इंकार कर दिया कि उसके परिवार को जान का खतरा हो सकता है। 
सोनीपत के सुमित ने कराई थी प्रदीप से मुलाकात
धरनास्थल से पकड़े गए युवक के अनुसार उसे सोनीपत के गीता भवन चौक पर रहने वाले सुमित ने कई साल पहले प्रदीप से मिलवाया था। उसके बाद से वह उनके लिए काम कर रहा है। उसने बताया कि इसके लिए उनको दो बार ट्रेनिंग भी मिली थी कि किस तरह काम करना है लेकिन युवकों को ट्रेनिंग अलग-अलग ग्रुप में दी गई थी।

उनको कहा जाता था कि यह पंजाब के रहने वाले हमारे दुश्मन हैं और यह दिल्ली में बवाल करने जाना चाहते हैं। साथ ही यह कहा जाता था कि यह आंदोलन भी गलत है और इसमें कांग्रेसी लोग शामिल हैं। उस युवक ने बताया कि राठधना गांव के युवकों को फायरिंग के लिए बुलाना था।

युवक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि करनाल में कृषि कानूनों के समर्थन किसान महापंचायत होनी थी। वहां किसानों ने सीएम मनोहर लाल की रैली का विरोध किया था। उस रैली से पहले विरोध कर रहे किसानों पर ऐसे ही पुलिस की वर्दी पहनकर बाहरी युवकों ने लाठीचार्ज किया था।

वहीं जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान भी ऐसे ही बवाल किया था। इसमें उसने सुमित और प्रदीप के नाम बताए हैं कि सुमित ने उससे मिलवाया था और प्रदीप यह बवाल कराता है।

उधर हरियाणा पुलिस का दावा है कि मुझे नहीं पता है कि यह कौन है। राई थाने में कोई प्रदीप भी नहीं है। इस तरह कोई भी किसी का नाम लेकर मिल सकता है। – विवेक मलिक, एसएचओ राई थाना।

मेरी जानकारी में यह मामला आया है और इसमें पूरी जांच कराई जाएगी। इसमें युवक से पूछताछ के बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट हो सकेगी कि आखिर क्या मामला है। युवक से पूछताछ पुलिस पूछताछ करके पूरी जानकारी जुटाएगी। एसपी।

(न्यूज़लेंस : डेवलपिंग स्टोरी)

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