माफिया के खिलाफ चल रहे अभियान के क्रम में अतीक अहमद गैंग के एक और सदस्य के खिलाफ शनिवार को कार्रवाई हुई। अतीक के करीबी आसिर्फ दुर्रानी के धूमनगंज में कसारी मसारी स्थित आलीशान मकान को बुलडोजर चलवाकर जमींदोज करा दिया गया। विकास प्राधिकरण अफसरों का कहना है कि नियम विरुद्ध तरीके से निर्माण किया गया था और इसीलिए ध्वस्तीकरण की कार्रवाई हुई।
पीडीए की टीम सुबह 11.30 बजे के करीब कसारी मसारी स्थित दुर्रानी के मकान पर पहुंची। करीब आधे घंटे बाद टीम ने चार बुलडोजरों से दो मंजिला मकान के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की। सबसे पहले बाहरी और ऊपरी मंजिल पर हुए निर्माण को ढहाया गया। इसके बाद भूतल पर हुए निर्माण को जमींदोज कर मकान को मलबे में तब्दील कर दिया गया। करीब पांच घंटे तक चली कार्रवाई शाम पांच के करीब संपन्न हुई। पीडीए की ओर से माफिया के अवैध निर्माण पर की गई यह 48वीं कार्रवाई थी।
400 वर्ग गज में निर्माण, कीमत पांच करोड़
कार्रवाई में शामिल पीडीए अफसरों ने बताया कि मकान का निर्माण 400 वर्ग गज भूमि में किया गया था। जिसकी कीमत चार करोड़ के आसपास है। लागत जोड़ लें तो अनुमानित कीमत पांच करोड़ के आसपास ठहरती है। अफसरों का कहना है कि भूमि के स्वामित्व की भी जांच कराई जाएगी। मामला जबरन कब्जे का हुआ तो विधिक कार्रवाई की जाएगी।
अतीक का बेहद करीबी, दर्जनों मुकदमे
आरोप है कि प्रयागराज कसारी मसारी निवासी आसिफ उर्फ दुर्रानी अतीक अहमद का बेहद करीबी है। उस पर सिर्फ धूमनगंज थाने में ही 16 मुकदमे दर्ज हैं। पिछले साल मई में रवि पासी हत्याकांड के गवाह नबी अहमद ने धमकाने के आरोप में उस पर अतीक अहमद व तोता समेत मुकदमा दर्ज कराया गया था। आरोप लगाया था कि दोनों के कहने पर ही उसे घर में घुसकर धमकाया गया। उसके खिलाफ तीन बार गैंगस्टर की कार्रवाई भी हो चुकी है।
डेरी की आड़ में चलाता था अवैध स्लाटर हाउस
आरोप है कि दुर्रानी का नाम पिछले साल करेली के गौसनगर में अवैध स्लाटर हाउस चलाने में भी आया था। जून में करेली जेके महल के पास स्थित डेरी में छापा मारकर तीन लोगों को गिरफ्तार किया था जबकि संचालक दुर्रानी व उसका भाई राशिद तीन अन्य लोगों संग फरार हो गया था। हालांकि इसे काफी दिनों बाद भी पकड़ा नहीं जा सका था। जिसे लेकर तरह-तरह की चर्चाएं भी थीं।