इंडिया टुडे समूह का उचित कदम : झूठे ट्वीट के आरोप में राजदीप सरदेसाई को एक सप्ताह केलिए चैनल पर कार्यक्रम से रोका और एक महीने के वेतन में भी कटौती की

इंडिया टुडे समूह ने राजदीप सरदेसाई के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई करते हुए उसे दो सप्ताह केलिए चैनल से बाहर रहने का निर्देश दिया है और उसको दिए जाने वाले एक माह के वेतन को भी दंडस्वरूप काट लिया है।

राजदीप सरदेसाई इंडिया टुडे समूह चैनल का कंसलटिङ्ग एडिटर है।

इंडिया टुडे प्रबंधन ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि 26 जनवरी 2021 को राजधानी दिल्ली में किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान ट्रैक्टर पलटने से हुई मौत पर उसने जनता में विद्वेष फैलाने और किसानों को भड़काने के उद्देश्य से झूठा ट्वीट किया था कि उक्त किसान को पुलिस ने सर पर गोलो मारी थी। इस आरोप के बाद दिल्ली पुलिस ने वीडियो जारी किया था जिसमें स्पष्ट था कि किसान ने जानबूझ कर बैरिकेडिंग के ऊपर ट्रैक्टर चढ़ा दिया था जिससे उसका ट्रैक्टर असंतुलित हो कर पलट गया था, ट्रैक्टर के नीचे दब कर किसान की मृत्यु हुई थी। जिसकी पुष्टि आगे चलकर पोस्ट-मॉर्टम रिपोर्ट से भी हुई थी।

यहाँ यह बता देना आवश्यक है कि आरोप है कि राजदीप सरदेसाई की उपरोक्त ट्वीट का हवाला देकर आंदोलनकारी मृतक के शरीर को लेकर ITO चौराहे पर बैठ गए थे और सरकार से करोड़ों रुपये मुआवजे की मांग करने लगे थे।

हालांकि, इस वीडियो के आने के बाद सरदेसाई ने इस झूठे ट्वीट को डिलीट कर दिया था।

इंडिया टुडे की इस अनुशासनात्मक और राजदीप सरदेसाई की सरे आम अपमानित करने की कार्रवाई पर पत्रकार जगत में मिली-जुली प्रतिक्रिया हुई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »