बजट 2021 में सरकार ने पीएफ के ब्याज पर टैक्स लगाया इसकी वजह अब साफ नजर आ रही है। सरकार ने हाल ही में कुछ खातों की जांच की, जिसमें पता चला कि एक व्यक्ति के खाते में 103 करोड़ रुपये हैं। वहीं कुछ खातों में 80 करोड़ से ज्यादा रुपये जमा मिले।
हालांकि पीएफ पर टैक्स लगाने को लेकर सरकार को आलोचना का शिकार होना पड़ा, लेकिन इससे पता चलता है कि देश के अमीर लोग पीएफ खातों का इस्तेमाल अपने करोड़ों रुपये बचाने में कर रहे हैं, साथ ही टैक्स की बचत कर रहे हैं।
छानबीन में चौंकाने वाली जानकारी आई सामने
छानबीन में एचएनआई (हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स) के बारे में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। प्रोविडेंट फंड में सबसे ज्यादा जमा करने वालों में शामिल एक व्यक्ति के पीएफ खाते में 103 करोड़ रुपये मिले।इसके बाद ऐसे ही दो लोगों के पीएम खातों में 86-86 करोड़ रुपये जमा मिले।
राजस्व विभाग के मुताबिक हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स के बारे में जो जानकारी सामने आई, उसके बाद यह फैसला लिया गया। हर साल तय रकम से ज्यादा पैसा अगर पीएफ खाते में जाएगा तो उस पर टैक्स लगेगा। सरकार का पीएफ खातों पर टैक्स लगाने का मकसद यही था कि पीएफ खातों की मदद से कोई टैक्स देने से न बच पाएं।
साथ ही विभाग ने बताया कि हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स के पीएफ खातों में टॉप 20 अमीरों के खातों में कुल 825 करोड़ रुपये जमा हैं, जबकि बात टॉप-100 अमीरों की बात करें तो कुल 2000 करोड़ रुपये से ज्यादा पैसा पीएफ खातों में जमा है। इसकी मदद से वे टैक्स बचा रहे हैं और निश्चित रिटर्न भी पा रहे हैं।
एक अप्रैल से लागू हो जाएगा नियम
यह नियम एक अप्रैल से लागू हो जाएगा। बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि अगर किसी कर्मचारी का पीएफ फंड में सालाना ढाई लाख से ज्यादा जमा होगा तो उस पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगेगा।
वहीं दो लाख रुपये तक आमदनी वालों पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। अगर आपके खाते में हर साल 5 लाख रुपये जमा होते हैं तो ढाई लाख तक का ब्याज टैक्स फ्री रहेगा, बाकी ढाई लाख पर मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल इनकम में जुड़ जाएगा।