शिमला: 30 मार्च, 2021
भारत सरकार के सार्वजनिक उपक्रम विभाग के सचिव, श्री शैलेश (भा.प्रशा.सेवा) ने एसजेवीएन के शिमला स्थित कारपोरेट मुख्यालय का दौरा किया। मुख्यालय में उनके आगमन पर एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, श्री नन्द लाल शर्मा ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। निदेशक (कार्मिक), श्रीमती गीता कपूर, निदेशक (सिविल), श्री एस.पी. बंसल, निदेशक (विद्युत) श्री सुशील कुमार शर्मा भी एसजेवीएन के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इस अवसर पर मौजूद रहे। सचिव (डीपीई) मार्च 2021 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष की कैपेक्स उपलब्धियों की समीक्षा तथा वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए लक्ष्य के संबंध में आधिकारिक यात्रा पर हैं।
इस अवसर पर उनके दौरे के दौरान एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, श्री नन्द लाल शर्मा ने एसजेवीएन की विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति से उन्हें अवगत करवाया। श्री शर्मा ने बताया कि वर्तमान में 2016.5 मेगावाट की स्थापित क्षमता के साथ एसजेवीएन सन 2040 तक 25000 मेगावाट क्षमता से युक्त कंपनी बनने की महत्वकांक्षी योजना पर काम कर रहा है। एसजेवीएन देश में एक प्रमुख विद्युत उत्पादक के रूप में उभरा है, जिसकी विद्युत उत्पादन के विभिन्न क्षेत्रों में उपस्थिति है, जिसमें जल विद्युत, पवन, सौर तथा ताप विद्युत शामिल है।
श्री शैलेश, सचिव (डीपीई) ने एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें एसजेवीएन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे और इसमें श्री नन्द लाल शर्मा ने एसजेवीएन द्वारा भारत तथा विदेश में निर्मित की जा रही परियोजनाओं की प्रगति की जानकारी दी। सचिव (डीपीई) ने एसजेवीएन की प्रशंसनीय उपलब्धियों पर संतोष जाहिर किया और एसजेवीएन द्वारा निर्धारित उन्नतिपरक लक्ष्यों को लेकर प्रसन्नता व्यक्त की।
उन्होंने एसजेवीएन के प्रयासों की सराहना की और सभी कर्मचारियों से आह्वान किया कि वे पूरे जोश के साथ कार्य करें। उन्होंने बताया कि एसजेवीएन प्रबंधन के गतिशील विज़न और मार्ग-निर्देशन में निगम अपने निर्धारित लक्ष्य को निस्संदेह पूरा कर लेगा।
सार्वजनिक उपक्रम विभाग, भारी उद्योग तथा सार्वजनिक उपक्रम मंत्रालय के तहत सभी केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (सीपीएसई) के लिए एक नोडल विभाग है, जो सीपीएसई से संबंधित नीति बनाता है। यह सीपीएसई संबंधी निष्पादनगत सुधार तथा मूल्यांकन, स्वायत्तता तथा वित्तीय प्रत्यायोजन तथा कार्मिक प्रबंधन संबंधी मार्ग निर्देश नीति का निर्धारण करता है।