नीला आस्मां सो गया :

नीला आस्मां सो गया

देख इस कदर सब रोते बिलखते लोग
अपनो को खोते हुए और सिसकते लोग
हर किसी के साथ वो भी रो गया।
नीला आस्मां सो गया।

देख सब बेबस यूं ही विचरते लोग
दवा से हवा से बेहद तरसते लोग
कुछ ना बोला बस उन्ही मे खो गया।
नीला आस्मां सो गया।

अपनों की सांसों मे सांसे मिलाते लोग
एक बुझते दीप को कुछ यूं जलाते लोग
सोच इस जहां मे ये क्या हो गया।
नीला आस्मां सो गया।

देख बहती आंखों के आंसू सुखाते लोग
सांस टूटी हाथों से हाथें छुड़ाते लोग
यूं जहर इस हवा मे कौन कैसे बो गया।
नीला आस्मां सो गया।

ऊपर बैठा है जो अपनी कृपा बरसायेगा
वो दिंन भी आयेगा सब कुछ सही हो जायेगा
बस इसी उम्मीद मे सारा जहाँ है खो गया।
नीला आस्मां सो गया।

( ब्रजेश श्रीवास्तव )

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »