संवेदना : चित्र आधारित कविता

क्या सम और विषमता क्या
परिस्थितियां अपनी एक सी हैं।

जन्म दिवस कुछ याद नही
स्थितियाँ अपनी एक सी हैं।

कूडे के ढेर मे मिला हमे
खुशियों का एक बहाना जब
यूं लगा कि जैसे पूर्व जन्म की
त्रुटियां अपनी एक सी हैं।

शुभ हो ये जन्म-दिवस हमको
तुम मुझे कहो मैं तुम्हे कहूँ
क्या फर्क हमे सच हो या गलत
विसंगतियां अपनी एक सी हैं।

दुनिया से क्या हमें गिला
अपनी किस्मत का हमे मिला
लगता है शायद काल चक्र की
गतियां अपनी एक सी हैं।
स्थितियाँ अपनी एक सी हैं।


( ब्रजेश श्रीवास्तव )

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