चुनावी मौसम मे गांव के गरीब की दुविधा

हम गांव के छोट आदमी समझ न पायन बात।आज काहे ई बड़ा आदमी हमरे घर है खात। वकरे साथे कई आदमी लिये हैं साफ बिछौना।मिला रहा हमहुक ऐसै जब आवा…

Translate »