उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार एवं माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा श्री ब्रजेन्द्र मणि त्रिपाठी के आदेश के आलोक में सुश्री आंचल चन्देल, सप्तम अपर सिविल जज (जू0डि0)/प्रभारी सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा की अध्यक्षता में तथा राजकीय बलिका इण्टर कालेज की प्रधानाचार्या श्रीमती गीता त्रिपाठी की उपस्थिति में आज दिनांक-10.03.2023 को राष्ट्रीय महिला आयोग के अनुसरण में विधिक सेवा व सहायता गतिविधियों को जन जन तक पंहुचाने के उद्देश्य से जनपद गोण्डा के राजकीय बालिका इण्टर कालेज गोण्डा में महिलाओं के लिए समर्पित महिला सशक्तिकरण विषय पर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।
विधिक जागरूकता शिविर का संचालन रिसोर्स पर्सन श्री अविनाश चन्द्र श्रीवास्तव तथा समाजसेवी सुश्री रूचि मोदी द्वारा किया गया। संचालन के दौरान रिसोर्स पर्सन श्री अविनाश चन्द्र श्रीवास्तव द्वारा टेली लाॅ प्रोजेक्ट के सम्बन्ध में विस्तार पूर्वक बताया व समझाया गया तथा सुश्री रूचि मोदी के द्वारा वैवाहिक विवादों के प्रीलिटिगेशन एवं प्ली बारगेनिंग विषय पर विशेष रूप से जनकारी दी गयी। शिविर में सुश्री आंचल चन्देल, सप्तम अपर सिविल जज(जू0डि0)/प्रभारी सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि समय≤ पर महिला विधिक जागरूकता कार्यक्रम का संचालन किया जाता है। इसका उद्देश्य भारत के संविधान में महिलाओं के जीवन व व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन रोकने के लिए मौलिक अधिकार दिया गया है। आज का युग ऐसा युग है, जिसमें महिलाओं को संविधान में कई अधिकार दिये गये हैं।
आज महिलाएं इस विकासशील भारत में विकसित बनाने के लिए अपना योगदान देती हैं, परन्तु फिर भी उन्हें कई बार अलग-अलग रूपों में प्रताड़ित किया जाता है तथा उनके अधिकारों का हनन किया जाता है। महिला सशक्तीकरण पर जानकारी देतेे यह भी बताया गया कि वर्तमान में महिलाओं को कानूनी अधिकार प्राप्त है जैसे महिलाओं के कार्यस्थल पर छेड़-छाड़/यौन उत्पीड़न से संरक्षण का अधिकार, पुरूषों के समान पारिश्रमिक का अधिकार, यौन उत्पीड़न की पीड़िता का नाम सार्वजनिक न होने का अधिकार, पति अथवा रिश्तेदारों के खिलाफ घरेलू हिंसा से सुरक्षा का अधिकार, कामकाजी महिलाओं को मातृत्व सम्बन्धी लाभ का अधिकार, कन्या भू्रण हत्या के खिलाफ अधिकार, रात में गिरफ्तार न होने का अधिकार, सम्पत्ति में बराबरी का अधिकार, पीड़िताओं को क्षतिपूर्ति पाने का अधिकार व मुफ्त कानूनी सहायता का अधिकार आदि के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया तथा महिलाओं से सम्बन्धित कानूनों की विधिवत जानकारी दी गयी।
वर्तमान में न्याय सभी के लिए उपलब्ध है, न्याय पाने का सभी को समान अधिकार है। यदि कोई व्यक्ति अपना मामला न्यायालय में प्रस्तुत करना चाहता है अथवा उसका कोई प्रकरण न्यायालय में लम्बित है तो उस व्यक्ति की गरीबी न्याय दिलाने में रूकावट नही होगी। वर्तमान समय में तहसील स्तरीय न्यायालय से उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय तक न्याय दिलाये जाने हेतु विधिक सेवा समितियां, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय विधिक सेवा समितियां कार्य कर रही हैं। कोई भी व्यक्ति जो अनुसूचित जाति या जनजाति का सदस्य है, मानव दुव्र्यव्हार एवं बेगारी से पीड़ित है, स्त्री या बालक है, मानसिक रूप से अस्वस्थ अथवा असमर्थ है, जातीय हिंसा, अत्याचार, औद्योगिक कर्मकार आदि श्रेणी में आने वाले व्यक्ति हैं, तो निःशुल्क विधिक सहायता पाने के हकदार हैं। इसके लिए आवेदन जिले में सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को करना पडेगा। दूरस्थ ग्रामीण एवं दूरगामी क्षेत्रों में रहने वाले व्यक्ति आनलाइन के माध्यम से विधिक सेवाओं की जानकारी तथा निःशुल्क विधिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
कार्यक्रम के सम्बोधन में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 ए0पी0 सिंह, श्रम प्रवर्तन अधिकारी श्री सत्येन्द्र प्रताप, ए0डी0ओ0 समाज कल्याण श्री अमित पाल, जिला पंचायत राज अधिकारी श्री लाल जी दूबे, सी0डी0पी0ओ0 नगर नीतू रावत, बाल संरक्षण अधिकारी चन्द्र मोहन वर्मा तथा सीमा बानो बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा महिलाओं के अधिकार विषय पर जानकारी देते हुए मिशन शक्ति पर अपने-अपने विचार व्यक्त किये। जनपद गोण्डा के महिला थाना की थानाध्यक्ष श्रीमती पूनम यादव, अधीक्षिका वन स्टाप सेन्टर गोण्डा स्वाति पाण्डेय एवं राजकीय बालिका इ0का0 गोण्डा की प्रधानाचार्य श्रीमती गीता त्रिपाठी व नारी ज्ञानस्थली महाविद्यालय की छात्रा कु0 मोनिका श्रीवास्तव द्वारा महिला एवं बालिकाओं के सुरक्षा एवं संरक्षण पर जानकारी देते हुए बेटी बचाओ-बेटी पढाओ एवं महिला सशक्तिकरण पर विचार व्यक्त किये।
इस अवसर पर पराविधिक स्वयं सेवक मो0 इरफान, श्रीमती अनुराधा श्रीवास्तव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के वरिष्ठ लिपिक श्री मुकेश कुमार वर्मा, कनिष्ठ लिपिक कन्हैया लाल तिवारी सहित प्रभूनाथ, राम कुमार, सुधांशु मणि तथा माध्यमिक एवं बेसिक शिक्षा विभाग की अध्यापिकायें, बाल विकास विभाग की आंगनबाडी कार्यकत्रियां और स्वास्थ्य विभाग की आशा बहुएंे तथा राजकीय बालिका इ0का0 की शिक्षिकाओं एवं छात्राओं आदि ने प्रतिभाग करते हुए सकिय्र सहभागिता प्रदान की।
( ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव )