एसजेवीएन के 60 मे०वा०नैटवार-मोरी प्रोजेक्ट की मैकेनिकल स्पिनिंग सफलतापूर्वक संचालित ।

शिमला: 27.09.2023 :उत्तराखंड के मोरी में एसजेवीएन की 60 मेगावाट की नैटवाड़ मोरी जलविद्युत परियोजना की प्रथम यूनिट की मैकेनिकल स्पिनिंग की निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, नन्द लाल शर्मा ने आज बटन दबाकर शुरुआत की।
 उन्होंने कहा कि टरबाइन जेनरेटर एवं जल प्रवाह संबंधी सहायक उपकरणों की स्पिनिंग, इकाइयों के सिंक्रनाइज़ेशन की अंतिम तैयारी का संकेत है। जलविद्युत परियोजना घटकों को भरने के लिए प्रक्रियात्मक दिशानिर्देशों के अनुसार बैराज और हेड रेस टनल में जल भराव किया गया है।

अपने दौरे के दौरान, शर्मा ने बैराज, पावर इनटेक, डिसिल्टिंग टैंक, मशीन हॉल और स्विचयार्ड इत्यादि साइटों का दौरा किया। शर्मा ने यमुना परिसर में नवनिर्मित मंदिर का उद्घाटन करते हुए पूजा और हवन भी किया। उनके साथ गीता कपूर, निदेशक (कार्मिक), ए.के. सिंह, निदेशक (वित्त), सुशील शर्मा, निदेशक (विद्युत), जे.एस. नैय्यर (परियोजना प्रमुख) और कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

कर्मचारियों, ठेकेदारों और श्रमिकों को संबोधित करते हुए, शर्मा ने परियोजना को कमीशनिंग चरण में लाने में उनके प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण उपलब्धि ने हमें उत्तराखंड की विशाल जल विद्युत क्षमता के दोहन के लिए एक कदम और करीब ला दिया है।

यहाँ उल्लेखनीय है कि 60 मेगावाट की नैटवाड़ मोरी जलविद्युत परियोजना उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में टोंस नदी से ऊर्जा दोहन करने के लिए बनाई गई रन ऑफ द रिवर परियोजना है। इस परियोजना से प्रतिवर्ष 265.5 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादित होगी। एसजेवीएन ने नैटवाड़ मोरी जलविद्युत परियोजना के बैनोल से सनैल तक विद्युत निकासी हेतु 37 किमी 220 केवी ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण किया है।

परियोजना, बुनियादी ढांचे के विकास और प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजन के साथ क्षेत्र के समग्र विकास के लिए कार्य कर रही है। एसजेवीएन की कारपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के अंतर्गत सतलुज संजीवनी मोबाइल हेल्थ वैन, कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम, खेल और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देना, ढांचागत कार्यों जैसे विभिन्न विकासात्मक कार्यों से आस-पास के क्षेत्र को लाभ हो रहा है।

यह उपलब्धि गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से ऊर्जा का दोहन करने की एसजेवीएन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सततशील भविष्य की ओर बढ़ते हुए, एसजेवीएन का लक्ष्य वर्ष 2040 तक 50000 मेगावाट की कंपनी बनने का है।

-चन्द्रकान्त पाराशर शिमला हिल्स

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »