Category: कविता

  • कोरोना

    कोरोना

    जीवन ग़ज़ल सी सबकी धीमी कर गयासुना है अब कोरोना मर गया। आत्मीयता और रिश्ते सभी के खो गएकोरोना परिचय सभी का दे गया। मर गये कई लोग जग में भूख सेप्रेम भी अपनी कहानी कह गया। संवेदना का आवरण,जो मनुज की पहचान थावेदना देकर सभी को छल गया। शिक्षा सभी को ही मिली है…