Category: व्यंग्य
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पैसा बोलता है : “तब्दीली आयी रे” (व्यंग्य)
“हजारों साल नर्गिस अपनी बेनूरी पे रोती हैतब कहीं जाकर होता चमन में एक बिदनवार पैदा” यही शेर आजकल पाकिस्तान में बच्चा बच्चा कह रहा है क्योंकि जो ऊपर वाले ने ऐसा छप्पर फाड़ कर दिया कि पाकिस्तानियों को अपनी खुशकिस्मती पर यकीन नहीं हो रहा है कि“या इलाही ये माजरा क्या है “पाकिस्तान जो…
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यूं ही…..”अंधों के अंधे ही पैदा होते हैं” से “मौत का सौदागर” तक
यूं ही यह सब लिखना नहीं चाहता था पर खुद को रोक नहीं पाता। कोरोना की महामारी ने समूचे विश्व को निगलना शुरू कर दिया है। मौतों का सिलसिला है कि थमने का नाम ही नहीं ले रहा। आज ही भारत भर में चार हज़ार मौतें इसी रोग से हुई हैं। पिछले कई दिनों से…