Category: SUDHENDU OJHA’S BLOGS
-
सब कुछ लुटा के : कहानी जनसत्ता
https://www.jansatta.com/sunday-magazine/jansatta-story-sab-kuch-lutake/650347/
-
यूं ही….हिन्दी साहित्य अकादमी, नई दिल्ली का पुस्तक मेला 12.11.2022
आमूमन तौर पर मैं बहुत काहिल व्यक्तियों में से एक हूँ। काहिल को कुछ डिग्री से बढ़ा कर आप वह भी कह सकते हैं जिससे काहिल की तुक मिलती है। दर असल, मुझ से आयोजनों से कुछ-कुछ परहेज सा होता है। यही कारण है कि शादी-बियाह के आयोजनों की मुंह चियारे फोटो नहीं डाल पाता।…
-
यूं ही……”तनिक सनद रहे” उर्फ संपादकीय व्यंग्य का आविष्कार
संपादकीय व्यंग्य की पुस्तक “तनिक सनद रहे” के दूसरे प्रूफ को पढ़ते हुए विस्मय में पड़ गया कि यह ‘संपादकीय व्यंग्य’ क्या होता है? व्यंग्य तो व्यंग्य होता है। फिर यह संपादकीय व्यंग्य क्या है? आइये आज इसी पर चर्चा कर लेता हूँ। राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में लेखन तो वर्ष 1979-80 से ही चल रहा था।…