सब कुछ लुटा के : कहानी जनसत्ता

https://www.jansatta.com/sunday-magazine/jansatta-story-sab-kuch-lutake/650347/

यूं ही….हिन्दी साहित्य अकादमी, नई दिल्ली का पुस्तक मेला 12.11.2022

आमूमन तौर पर मैं बहुत काहिल व्यक्तियों में से एक हूँ। काहिल को कुछ डिग्री से बढ़ा कर आप वह भी कह सकते हैं जिससे काहिल की तुक मिलती है।…

यूं ही……”तनिक सनद रहे” उर्फ संपादकीय व्यंग्य का आविष्कार

संपादकीय व्यंग्य की पुस्तक “तनिक सनद रहे” के दूसरे प्रूफ को पढ़ते हुए विस्मय में पड़ गया कि यह ‘संपादकीय व्यंग्य’ क्या होता है? व्यंग्य तो व्यंग्य होता है। फिर…

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