Category: SUDHENDU OJHA’S POETRY
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हैरान है, परेशान है
हैरान है, परेशान है आम आदमी आखिर तो, इंसान है आम आदमी रोटियाँ डाल कर ईमान को खरीद लें दुम हिलाता, श्वान है आम आदमी कहीं से जोड़िए इसे कहीं से तोड़िए किराये का, मकान है आम आदमी दिल-वफा, मोहब्बत, और शफ़्फ़ाक बदन तवायफ की, दूकान है आम आदमी जाने क्यों चेहरे पे मुस्कान है…
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इश्क का उन्हें सफ़ा, सफ़ा चाहिए
इश्क का उन्हें सफ़ा सफ़ा चाहिए हर बेवफा को बस वफ़ा चाहिए मुझे नींद आए न आए मगर तसव्वुर में तू हर दफ़ा चाहिए मिरी कश्ती, तिरा तूफाँ दरिया तेरा डूबने को क्या इसके सिवा चाहिए सिक्कों पर रक्स को, प्यार कहते हैं हर मोहब्बत को अब नफ़ा चाहिए तुझे चाह के जो- खता की…