अपने ही कंधों पर अपनी लाश लिए मैं चलता हूँरिश्ते सारे मिथ्या हैं,मृत हैं,नित जलता हूँ,चलता हूँ। अग्नि कौन देगा यह चिंता,हे राम तुम्हारे कंधे परजपकर प्रतिपल नाम देश का,कर्म…
अपने ही कंधों पर अपनी लाश लिए मैं चलता हूँरिश्ते सारे मिथ्या हैं,मृत हैं,नित जलता हूँ,चलता हूँ। अग्नि कौन देगा यह चिंता,हे राम तुम्हारे कंधे परजपकर प्रतिपल नाम देश का,कर्म…