लघुकथाजाल में मछली शाम को दफ्तर से निकलने में आज फिर देर हो गई। घर तक पहुंचने में घंटा भर और लग जाना था। वह पैदल बस—स्टॉपेज की ओर बढ़…
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अश्वत्थामा
अश्वत्थामा – लघुकथा तुमने हताशा में अपने बचाव के लिये ब्रह्मास्त्र का प्रयोग करके संसार को संकट में डाल दिया। इस पर मुझे तनिक भी आश्चर्य नहीं अश्वत्थामा! लेकिन मैं…