Tag: लघुकथा

  • जाल

    जाल

    लघुकथाजाल में मछली शाम को दफ्तर से निकलने में आज फिर देर हो गई। घर तक पहुंचने में घंटा भर और लग जाना था। वह पैदल बस—स्टॉपेज की ओर बढ़ रही थी कि भूख सताने लगी। पर क्या खाए वह? विवशता में खाने की इच्छाओं तक का दमन करना पड़ रहा था। सामाजिक बंधनों में…

  • अश्वत्थामा

    अश्वत्थामा

    अश्वत्थामा – लघुकथा तुमने हताशा में अपने बचाव के लिये ब्रह्मास्त्र का प्रयोग करके संसार को संकट में डाल दिया। इस पर मुझे तनिक भी आश्चर्य नहीं अश्वत्थामा! लेकिन मैं आश्चर्यचकित हूँ कि एक महान ज्ञानी पिता के पुत्र होते हुए भी तुमने, सोये हुए पाँडव पुत्रों की हत्या; जैसा घृणित कार्य किया। तुम जैसे…