दृश्य और परिदृश्य : कविता

जो दिखता हैया दिखाया जाता हैआवश्यक नही ;वो सत्य और उचित होया सामयिक भी हो।जो हम देखते हैं ;वो तो महज दृश्य है।क्या है दृश्य के पार ?क्या होगा दृश्य…

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